बैंकों ने लोन मोरैटोरियम (Loan Moratorium) अवधि के दौरान कर्जदारों के खातों में ब्याज पर लगााए गए ब्याज की रकम लौटानी शुरू कर दी है. योजना पर अमल करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक से ग्राहक को मैसेज भेजा गया कि प्रिय ग्राहक कोविड-19 राहत अनुदान राशि, तीन नवंबर को आपके खाते में डाल दी गई है.
बता दें, रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते ही सभी बैंकों, गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों सहित कर्ज देने वाले संस्थानों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर छह महीने की लोन मोरैटोरियम अवधि के दौरान लिए गए ब्याज पर ब्याज से माफी योजना पर 5 नवंबर तक अमल होना चाहिए.
वित्त मंत्रालय ने इस योजना को लेकर आम लोगों के मन में उठने वाले सवालों के जवाब जारी किए हैं. मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि सोने को गिरवी रखकर लिए गए कंजंप्शन लोन भी योजना के तहत ब्याज पर ब्याज से छूट पाने के योग्य हैं. मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि कर्जदाता संस्थान द्वारा सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (MSME) के तौर पर वर्गीकृत कर्ज इस माफी योजना के तहत छूट पाने के हकदार होंगे.
इस अवधि के दौरान के कर्ज के लिए गारंटी चाहे किसी भी तरह की हो उससे इनकी योग्यता पर कोई असर नहीं होगा. वित्त मंत्रालय की तरफ से यह आम सवालों के जवाब का दूसरा सेट कुछ ही दिनों के अंदर जारी किया गया है. योजना पर अमल के आखिरी दिन से पहले मंत्रालय ने चीजों को साफ किया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने पिछले महीने ही इस योजना की घोषणा की. सरकार ने निर्धारित लोन अकाउंट में छह महीने की अवधि के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज और सामान्य ब्याज के बीच के अंतर को लौटाने की घोषणा की. होम लोन, एजुकेशन लोन, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटो लोन, MSME लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन और कंजंप्शन लोन को योजना के दायरे में रखा गया है.