बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा समेत शिक्षक-शिक्षिकाओं में हड़कंप मच गया है

शिक्षिकों की जांच कराने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के जारी ताजा आदेश के बाद जनपद में बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा समेत शिक्षक-शिक्षिकाओं में हड़कंप मच गया है। उधर सीएम के ताजा आदेश से शिक्षा विभागों में भी खलबली मच गई है वह भी जांच को लेकर चौकन्ना हो गये हैं।

जनपद में अनामिका शुक्ला मामले को लेकर कस्तूरबा विद्यालयों के स्टाफ की जांच रही है। सभी शिक्षक अपने शैक्षिक और पते ठिकाने संबंधित अभिलेखों को खुद ही चैक करने में लग गये हैं। जिससे जांच होने पर प्रस्तुत कर सकें। वहीं दूसरी ओर बेसिक शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी जांच को लेकर सभी चौकन्ना हो गये हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल ने बताया कि, जनपद में परिषदीय विद्यालयों में अनुदेशकों को छोड़कर 3030 शिक्षक शिक्षिकाएं हैं। इनके अलावा 144 का स्टाफ कस्तूरबा विद्यालयों का है, जिनकी जांच चल रही है। उल्लेखनीय है कि 262 शिक्षक माध्यमिक शिक्षा में तैनात हैं।

पहले भी सामने आ चुके हैं नियुक्तियों में फर्जीवाड़े: कासगंज। जनपद में शिक्षा विभाग में नियुक्तियों में फर्जीवाड़े के मामले में सामने आते रहे हैं। वर्ष 2010 में आधा दर्जन शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति की पकड़ में आई थी। जिसमें तत्कालीन डीएम के आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से पुलिस में पटियाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था।

अपर पुलिस अधीक्षक पवित्रमोहन त्रिपाठी ने बताया कि, पटियाली कोतवाली में जिन छह शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। उसकी विवेचना पुलिस द्वारा की गई। विवेचना में पता चला कि, आरोपी बनाये गये शिक्षकों के नाम पते भी फर्जी निकले थे।

फर्जी डिग्री धारक पांच शिक्षकों पर रिपोर्ट होगी:कासगंज। विगत वर्षों हुई शिक्षक भर्ती में विश्वविद्यालय की डिग्री फर्जी पाये जाने के मामले में विवि. की ओर से जारी सूची में पांच शिक्षक फर्जी डिग्री पर कासगंज में भी नियुक्ति पा गए थे। शासन के आदेश के बाद बीएसए द्वारा उनकी सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी कर दिये थे। बीएसए ने संबंधित बीईओ को पांच शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को कहा है।

https://youtu.be/UHB-Pfh03e0

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