बिना परीक्षा के मिली डिग्री मान्य नहीं, परीक्षा पर फैसले का अधिकार यूजीसी का

सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में 30 सितंबर तक फाइनल ईयर की परीक्षाएं कराने को लेकर यूजीसी के निर्देश को चुनौती देने वाली 31 छात्रों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अब 14 अगस्त को सुनवाई करेगा। कोर्ट ने अगली तारीख इसलिए दी है कि सॉलिसिटर जनरल मेहता ने महाराष्ट्र और दिल्ली द्वारा फाइल एफिडेविट के जवाब दाखिल करने के लिए वक्त मांगा है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट नें सुनवाई के लिए 14 अगस्त, 2020 की तारीख दी है।

इससे पहले मामले में सुनवाई 31 जुलाई को हुई थी। महाराष्ट्र सरकार और दिल्ली सरकार ने कोर्ट में एफिडेविट फाइल कर के कहा था कि वे कोरोना महामारी की वजह से परीक्षाओं का आयोजन नहीं करेंगे। आज विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की तरफ से पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ही एक मात्र ऐसी बॉडी है जो डिग्री देती है, उन्होंने सवाल किया कि कैसे राज्य परीक्षाएं रद्द कर सकता है और परीक्षा न देना छात्रों के हित में नही है। उन्होंने आगे कहा कि छात्रों को परीक्षा की तैयारी जारी रखनी चाहिए।
वहीं छात्रों की तरफ से पेश हुए वकील अलख आलोक ने कहा वह कोर्ट से अनुरोध करेंगे कि वे छात्रों को उनके स्वास्थय, सुरक्षा, नौकरी और प्रवेश के अवसरों पर विचार करने के लिए राहत प्रदान करे। आपको बता दें कि उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका में 6 जुलाई को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की उस गाइड लाइन को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि देश की सभी यूनिवर्सिटी 30 सितंबर से पहले अंतिम वर्ष की परीक्षा करा लें।

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