फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र के आधार पर बने प्रधानाचार्य के खिलाफ होगी कार्यवाही

उत्तर प्रदेश में शिक्षक की नौकरी के लिए किए गए अलग-अलग तरह के फर्जीवाड़े उजागर हो रहे हैं. अब बस्ती से एक मामला सामने आया है कि जहां के रिटायर शिक्षक गलत सर्टिफिकेट के आधार पर सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद पर बैठ गया. जेडी की जांच में पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है.
मामला देशराज नारंग इंटर कॉलेज वाल्टरगंज का है. जहां, जेडी की ओर से फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर प्रधानाचार्य का पद हासिल करने वाले रमेश चंद्र सिंह को स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया गया है और 7 दिन के अंदर जवाब न देने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है.
जेडी माध्यमिक की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि सहायक आयुक्त केंद्रीय विद्यालय संगठन अलीगंज के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रमेश चंद्र सिंह की पहली नियुक्ति 26 अगस्त 1988 को प्राथमिक शिक्षक के पद पर हुई थी और वॉलेंटरी रिटायरमेंट लेने तक वो इसी पद पर कार्यरत रहे. इसी पद के वेतनमान के अनुसार पेंशन भुगतान आदेश जारी हुआ. 2008 में उनका चयन माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से प्रधानाचार्य पद पर हुआ व तैनाती देशराज नारंग इंटर कॉलेज वाल्टरगंज में हुई.

नोटिस में कहा गया है कि इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य पद की निर्धारित अर्हता प्रशिक्षित परास्नातक के साथ उच्चतर कक्षाओं में कम से कम 4 साल शिक्षण कार्य का अनुभव होना जरूरी है. लेकिन, रमेश सिंह पर आरोप है कि उन्होंने कूटरचित तरीके से पीजीटी शिक्षक का फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत कर अनियमित तरीके से प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्ति करा ली.वहीं, शिकायतकर्ता राजेन्द्र तिवारी द्वारा आरटीआई से जानकारी मांगने पर मालूम हुआ है कि रमेश चंद्र केंद्रीय विद्यालय में प्राथमिक शिक्षक के पद पर तैनात थे तथा उसी पद से रिटायर होकर पेंशन हासिल कर रहे हैं. उन्हें अभिलेख सहित तलब किया गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. जिसके बाद अब नोटिस जारी कर एक सप्ताह का समय दिया गया है, इसके बाद कार्रवाई की जाएगी.

साभार जी मीडिया ब्‍यूरो Thu, 18 Jun 2020-4:23 pm

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *