प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत 196000 विद्यार्थी बिना परीक्षा के होंगे पास

बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने कहा की परिषद के स्कूलों में पढ़ रहे 1.96 लाख विद्यार्थियों को लगातार दूसरे साल भी बिना परीक्षा के बच्चों को पास किया जाएगा। बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने इस बाबत निर्देश जारी कर दिया है।
शैक्षिक सत्र 2019- 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया गया था। शैक्षिक सत्र 2020- 21 में भी कोरोना संक्रमण के चलते नियमित कक्षाओं के संचालन नहीं हो पाया है। वहीं दूसरी ओर 10 फरवरी से कक्षा 6 से आठवीं के स्कूल खुलने के बाद सोमवार से कक्षा एक से पांचवी तक के विद्यालय भी बच्चों के लिए खुल गए है। जब कि ढाई माह में नया सत्र शुरू होगा। राइट टू एजुकेशन के तहत कक्षा 8 तक के बच्चों को अनुत्तीर्ण करने का प्रावधान नहीं है। ऐसे बच्चों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नत करने का फैसला लिया गया है।


प्रेरणा ज्ञानोत्सव के माध्यम से होगा मूल्यांकन
कोरोना संक्रमण के कारण बंद हुए परिषदीय स्कूल खुलने के बाद सोमवार से विद्यालयों में प्रेरणा ज्ञानोत्सव नामक 100 दिन का विशेष अभियान शुरू कर दिया। अभियान का मकसद कोरोनावायरस मर के कारण बाधित हुई पढ़ाई और शैक्षिक दक्षताओं की भरपाई करना है। अभियान के दौरान बच्चों की उपचारात्मक शिक्षा पर जोर होगा ताकि वह कक्षा के अनुरूप अपेक्षित लर्निंग आउटकम प्राप्त कर सकें। अभियान के दौरान बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाएंगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि स्कूल खोलने के बाद बच्चों में अपेक्षित शैक्षिक दक्षताएं विकसित करने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा समृद्ध हस्तपुस्तिका मुहैया कराई गई है। जिस पर उपचारात्मक शिक्षण आधारित है। इन हस्तपुस्तिकाओं के जरिए ही बच्चों का गणित और भाषा ज्ञान का प्रारंभिक आकलन किया जाएगा। हस्तपुस्तिका के टीचिंग प्लान के अनुसार कक्षाओं को तीन समूहों में बांटकर कक्षाएं संचालित की जाएंगी। हस्तपुस्तिका पर आधारित 100 दिवसीय उपचारात्मक शिक्षण के बाद बच्चों का स्टूडेंट एसेसमेंट टेस्ट के माध्यम से अंतिम आकलन किया जाएगा।

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