केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने स्कूलों से नौवीं और ग्यारहवीं में फेल हुए विद्यार्थियों के लिए परीक्षा आयोजित करने के लिए कहा है। स्कूल इस बात का निर्धारण खुद करेंगे कि ऐसे विद्यार्थियों की ऑनलाइन परीक्षा ली जाए या फिर ऑफलाइन। स्कूल चाहें तो ऐसे विद्यार्थियों को अभिनव परीक्षण के जरिए पदोन्नत भी कर सकते हैं। सीबीएसई ने अपने एक हाल ही के नोटिस में स्पष्ट किया है कि नौवीं और ग्यारहवीं के छात्रों के लिए अवसर बढ़ाएं।
सीबीएसई का कहना है कि स्कूलों को यह कहते हुए गुमराह किया जा रहा है कि जब तक दिल्ली के हाईकोर्ट में दायर रुक्मिणी देवी पब्लिक स्कूल बनाम सीबीएसई केस निस्तारण नहीं होता है, तब तक स्कूलों के लिए अधिसूचना का अनुपालन करने की कोई आवश्यकता नहीं है। स्कूल ऐसी बातों पर विश्वास न करें और नौवीं एवं ग्यारहवीं के छात्रों के लिए अवसर बढ़ाएं। बता दें कि बीएसई ने हाल ही में पहली से लेकर आठवीं तक के विद्यार्थियों को पदोन्नत करने का फैसला लिया था।
जबकि 9वीं और 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन के जरिए अगली कक्षा में प्रमोशन दिए जाने का निर्देश दिया था। अगर विद्यार्थी नौवीं और दसवीं कक्षा में आंतरिक मूल्यांकन में फेल हो जाते हैं, तो उनको अगली कक्षा में जाने का दूसरा मौका मिलेगा। ऐसे विद्यार्थियों के लिए फिर से परीक्षाएं होंगी या फिर उनका आतंरिक मूल्यांकन होगा ताकि वह अगली कक्षा में जा सकें।