कानपुर। कोरोना काल में हुए लॉकड़ाउन के कारण स्कू लों की स्थिति दयनीय हो गयी है। ऐसे में सरकार फीस जमा कराने के लिए छात्रों के अभिभावकों के लिए निर्देश जारी करे। यह मांग प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सरकार से की है। कानपुर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सरकार के शिक्षा मंत्री के साथ वर्चुअल बैठक की। बैठक के दौरान एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अजीत अग्रवाल ने मंत्री को अवगत कराया कि स्कूलों में फीस जमा न होने के कारण स्कूल के कर्मचारी टीचर आदि की आर्थिक स्थिति जर्जर हो गयी है। कोरोना काल में उपचार के लिए भी कर्मचारियों के पास पैसा नहीं था। ऐसे में सरकार द्वारा छात्रों के अभिभावकों के लिए फीस जमा कराने के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाएं। बैठक के बाद एसोसिएशन ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वह मार्च व अप्रैल की फीस जमा कर दें‚ ताकिं विद्यालय की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो सके। यदि अभिभावक छात्र की फीस जमा नहीं करते हैं तो विद्यालय निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा। ॥ फीस न जमा करने वाले अभिभावकों के बच्चों पर होगी कार्रवाई॥ जरूरतमंदों व कोरोना प्रभावितों को ही मिलेगी छूट॥ कानपुर (एसएनबी)। निजी स्कूलों ने अभिभावकों को हर माह फीस जमा करने और बकाया फीस का भुगतान करने की चेतावनी दी है। साथ ही कहा है कि ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि वह फीस न बढ़øाने के सरकार के फैसले के साथ हैं और ऐसे अभिभावकों को ही छूट देंगे‚ जो जरूरतमंद या कोरोना प्रभावित हैं। ॥ कानपुर प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन की आपातकालीन वर्चुअल बैठक में सभी स्कूल संचालकों ने एकमत होकर प्रदेश सरकार के फीस न बढ़øाने के फैसले का स्वागत किया। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अजीत अग्रवाल ने कहा कि बड़़ी संख्या में अभिभावकों द्वारा शुल्क का मासिक भुगतान न करने से स्कूलों की दशा खराब होती जा रही है। पिछले सत्र में लगभग ५० फीसद स्कूल बंद हो गए। शिक्षक व स्कूलों के कर्मचारी दयनीय दशा में जीवन यापन करने को विवश हैं। पिछले सत्र में विद्यालयों ने किसी तरह अपने शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन दिया‚ जबकि फीस आने का प्रतिशत काफी कम था। इस सत्र में अभी तक अधिकांश विद्यालयों में १० फीसद फीस का भी भुगतान नहीं हुआ है। कई विद्यालय आर्थिक संकट के कारण मार्च का वेतन अभी तक नहीं दे सके हैं। महामंत्री बलविन्दर सिंह ने कहा कि जो सरकारी‚ अर्द्धसरकारी‚ प्राइवेट या ऐसे व्यवसाय में हैं‚ जिनमें उनकी आमदनी को कोरोना या लॉकड़ाउन काल में कोई नुकसान नहीं हुआ है और वह लोग फीस देने में समर्थ हैं‚ ऐसे लोग भी अपने बच्चों की फीस जमा नहीं कर रहे हैं। सक्षम अभिभावकों से अपील की गयी कि वह मासिक शुल्क समय पर जमा कराएं‚ ताकि विद्यालय अपने शिक्षकों व कर्मचारियों के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें। बैठक में निर्णय लिया गया कि जो अभिभावक सक्षम होने के बाद भी फीस जमा नहीं कर रहे‚ उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। बैठक में मनमोहन सिंह‚ अमरजीत सिंह‚ युसूफ बेग‚ सुबोध कटियार‚ सचिन चित्रांशी‚ कृष्णकुमार दुबे आदि थे॥।- सभार राष्ट्रीय सहारा हिंदी दैनिक