टीजीटी-पीजीटी के खाली पदों की सूचना भेजने से विद्यालय प्रबंधन और जिला विद्यालय निरीक्षक बच रहे हैं।

सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती को लेकर स्कूलों ने नए सिरे से गड़बड़ी शुरू कर दी है। माध्यमिक स्कूलों में बड़े पैमाने पर शिक्षकों के पद रिक्त हैं लेकिन जब माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने इसकी जानकारी मांगी तो कई स्कूलों ने भर्ती के लिए पहल नहीं की। माध्यमिक स्कूलों में पिछले दो वर्षों से नियुक्ति नहीं हो सकी है जिसके कारण आठ हजार से अधिक पद खाली हैं लेकिन चयन बोर्ड ने भर्ती के प्रयास शुरू किए तो कई नोटिस के बाद केवल 4400 पदों का विवरण मिल सका। 
बार-बार र्िक्तियों की जानकारी मांगे जाने के बाद भी कई जिला विद्यालय निरीक्षकों की ओर से खाली पदों की जानकारी नही भेजने से भर्ती में लगातार देरी हो रही है। चयन बोर्ड के सचिव बंश गोपाल मौर्य ने बताया कि कई जिला विद्यालय निरीक्षकों ने रिक्तियों पर विचार ही नहीं किया तो कुछ ने बेहद कम पदों की जानकारी दी। इलाहाबाद, कानपुर, मुरादाबाद, लखनऊ जैसे जिलों से प्रधानाचार्य के खाली पदों का अधियाचन भेजने में जिला विद्यालय निरीक्षकों ने रुचि दिखाई लेकिन टीजीटी-पीजीटी के खाली पदों की सूचना भेजने से विद्यालय और जिला विद्यालय निरीक्षक बच रहे हैं। उन्होंने बताया कि देवी पाटन मंडल के कई जिलों गोण्डा, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती में खाली पदों की जानकारी ही नहीं भेजी गई है। कई पदों का विवरण शून्य है। सचिव ने बताया कि विद्यालय प्रबंधन और अधिकारियों के गठजोड़ के कारण रिक्तियां भेजने में देरी हो रही है। उन्होंने बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षकों से कई बार खाली पदों का विवरण भेजने को कहा जा रहा है। अब शासन से शिकायत की जाएगी।

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