टीजीटी-पीजीटी अभ्यर्थियों के स्कूलों में नियुक्ति को लेकर चल रहे मामले में डीआईओएस ने अभ्यर्थियों की चयनित स्कूलों में तैनाती प्रक्रिया पूरी न होने तक रमसा (राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान) वाले स्कूलों में भेजने का निर्णय किया है। दो दिन में इन विद्यालयों की लिस्ट तैयार कर शनिवार से नियुक्ति दी जाएगी। मुख्यमंत्री से मुलाकात के तीसरे दिन भी तैनाती न हो पाने से बुधवार को भी सभी अभ्यर्थियों ने डीआईओएस कार्यालय में ही हाजिरी लगाई।विज्ञापन
छह महीने पहले टीजीटी (ट्रेेंड ग्रेजुएट टीचर) और पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने नियुक्ति न मिलने पर तीन दिन पहले मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। अभ्यर्थियों को उम्मीद थी कि अब उन्हें उनके मूल विद्यालय में तैनाती मिल जाएगी, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। सिर्फ एक अभ्यर्थी को नियुक्ति मिली है। 37 अभ्यर्थी अभी भी भटक रहे हैं।
तीन दिन से लगातार डीआईटोएस कार्यालय में ही उपस्थित दर्ज कर रहे हैं। बुधवार को फिर अभ्यर्थी डीएम से मिले। डीएम ने डीआईओएस को कार्यालय बुलवाकर समस्या का हल निकालने के निर्देश दिए।
डीआईओएस अब अभ्यर्थियों को जिले में संचालित राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में भेजने की तैयारी में हैं। अभ्यर्थियों को बताया गया है कि जब तक स्कूल से तदर्थ शिक्षक नहीं हट जाते तब तक अभ्यर्थी राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में जाकर पढ़ाएंगे। इससे उनके वेतन भुगतान में भी अड़चनें नहीं आएंगी।
डीआईओएस राजेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि अभ्यर्थियों को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के स्कूलों में भेजने का आदेश बाबू को बनाने को दिया गया है। गुरुवार से वह उन्हीं विद्यालयों में जाकर पढ़ाएंगे, वहीं उनकी उपस्थिति भी दर्ज होगी। डीआईओएस ने बताया कि दो दिन में इन विद्यालयों और वहां रिक्त पदों की सूची तैयार कर ली जाएगी। शनिवार से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
लखनऊ के मानक नगर निवासी सुशील कुमार का टीजीटी में आरबीएस इंटर कॉलेज बिहार में चयन हुआ है, लेकिन उन्हें छह माह बाद भी नियुक्ति नहीं दी गई। तीन दिन पहले वह भी सीएम से मिलने गए थे।
वहां से नियुक्ति का आदेश आने के बाद डीआईओएस कार्यालय के बाबू व कॉलेज के प्रबंधक ने पांच शिक्षकों की रिक्तियों के सापेक्ष का गलत अधियाचन बताकर लौटा दिया, जबकि अधियाचन प्रबंधक और बाबू ने ही भेजा था। अभ्यर्थी को अधियाचन के सापेक्ष शिक्षक पूरे होने की बात बताई जा रही है। स्कूल में तदर्थ शिक्षक की तैनाती है। उसे हटवाया जाए तो सुशील का चयन हो सकता है।