कुल आय की संगणना करने में की जाने वाली कटौतियां

कुल आय की संगणना करने में की जाने वाली कटौतियां

क.–साधारण

कुल आय की संगणना करने में की जाने वाली कटौतियां

80क. (1) किसी निर्धारिती की कुल आय संगणित करने में, उसकी सकल कुल आय में से वे कटौतियां, जो धारा 80ग से 80प तक में विनिर्दिष्ट हैं, इस अध्याय के उपबंधों के अनुसार और अधीन अनुज्ञात की जाएंगी।

(2) इस अध्याय के अधीन कटौतियों की संकलित रकम निर्धारिती की सकल कुल आय से किसी भी दशा में अधिक न होगी।

(3) जहां किसी व्यक्ति-संगम या व्यष्टि-निकाय की कुल आय की संगणना करने में, धारा 80छ या धारा 80छछक या धारा 80छछग या धारा 80जज या धारा 80जजक या धारा 80जजख या धारा 80जजग या धारा 80जजघ या धारा 80झ या धारा 80झक या धारा 80झख या धारा 80झग या धारा 80झघ या धारा 80झड़ या धारा 80ञ या धारा 80 ञ ञ के अधीन कोर्इ कटौती अनुज्ञेय है, वहां व्यक्ति-संगम या व्यष्टि-निकाय के सदस्य की कुल आय की संगणना करने में उसी धारा के अधीन कोर्इ कटौती, व्यक्ति-संगम या व्यष्टि-निकाय की आय में ऐसे सदस्य के अंश के संबंध में नहीं की जाएगी।

(4) धारा 10क या धारा 10कक या धारा 10ख या धारा 10खक या इस अध्याय के “ग-कतिपय आयों के संबंध में कटौतियां” शीर्ष के अधीन किसी उपबंध में किसी बात के होते हुए भी जहां किसी निर्धारिती की दशा में, किसी उपक्रम या यूनिट या उद्यम या पात्र कारबार के लाभों और अभिलाभों की किसी रकम का किसी निर्धारण वर्ष के लिए उन उपबंधों में किसी के अधीन कटौती के रूप में दावा किया जाता है और उसे अनुज्ञात किया जाता है, वहां ऐसे लाभों और अभिलाभों के संबंध में और उस सीमा तक कटौती इस अधिनियम के किसी अन्य उपबंध के अधीन ऐसे निर्धारण वर्ष के लिए अनुज्ञात नहीं की जाएगी और किसी भी दशा में, यथास्थिति, ऐसे उपक्रम या यूनिट या उद्यम या पात्र कारबार के लाभ और अभिलाभों से अधिक नहीं होगी।

(5) जहां निर्धारिती धारा 10क या धारा 10कक या धारा 10ख या धारा 10खक या इस अध्याय के “ग–कतिपय आयों के संबंध में कटौतियां” शीर्ष के अधीन किन्हीं उपबंधों के अधीन किसी कटौती के लिए अपनी आय की विवरणी में दावा करने में असफल रहता है, वहां उसे उसके अधीन कोर्इ कटौती अनुज्ञात नहीं की जाएगी।

(6) धारा 10क या धारा 10कक या धारा 10ख या धारा 10खक या इस अध्याय के “ग–कतिपय आयों के संबंध में कटौतियां” शीर्ष के अधीन किसी उपबंध में किसी बात के होते हुए भी जहां किसी उपक्रम या यूनिट या उद्यम या पात्र कारबार के प्रयोजनों के लिए धारित कोर्इ माल या सेवाएं निर्धारिती द्वारा किए गए किसी अन्य कारबार को अंतरित की जाती हैं या जहां निर्धारिती द्वारा किए गए किसी अन्य कारबार के प्रयोजनों के लिए धारित कोर्इ माल या सेवाएं उपक्रम या यूनिट या उद्यम या पात्र कारबार को अंतरित की जाती हैं और उपक्रम या यूनिट या उद्यम या पात्र कारबार के लेखाओं में यथा अभिलिखित ऐसे अंतरण के लिए प्रतिफल, यदि कोर्इ हो, अंतरण की तारीख को ऐसे माल या सेवाओं के बाजार मूल्य के तत्समान नहीं होता है वहां इस अध्याय के अधीन किसी कटौती के प्रयोजनों के लिए ऐसे उपक्रम या यूनिट या उद्यम या पात्र कारबार के लाभ और अभिलाभों की संगणना इस प्रकार की जाएगी मानो अंतरण किसी भी दशा में उस तारीख को ऐसे माल या सेवाओं के बाजार मूल्य पर किया गया था।

स्पष्टीकरण–इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए, “बाजार मूल्य” पद से,–

(i) विक्रीत या प्रदाय किए गए किसी माल या सेवाओं के संबंध में वह कीमत अभिप्रेत है जो ऐसे माल या सेवाओं को तब मिलती यदि उन्हें ऐसे उपक्रम या यूनिट या उद्यम या पात्र कारबार द्वारा, कानूनी या विनियामक निर्बन्धनों के अधीन रहते हुए, यदि कोर्इ हों, खुले बाजार में विक्रय किया जाता;

(ii) अर्जित किए गए किसी माल या सेवाओं के संबंध में वह कीमत अभिप्रेत है जो ऐसे माल या सेवाओं को तब लागत होती जब उन्हें ऐसे उपक्रम या यूनिट या उद्यम या पात्र कारबार द्वारा, कानूनी या विनियामक निर्बन्धनों के अधीन रहते हुए, यदि कोर्इ हों, खुले बाजार में अर्र्जित किया जाता;

(iii) विक्रीत, प्रदत्त या अर्जित किसी माल या सेवाओं के संबंध में धारा 92च के खंड (ii) में यथापरिभाषित ऐसे माल या सेवाओं की असन्निकट कीमत अभिप्रेत है, यदि वह धारा 92खक में निर्दिष्ट कोर्इ विनिर्दिष्ट देशी संव्यवहार है।

(7) जहां इस अध्याय के “ग-कतिपय आयों के संबंध में कटौतियां” शीर्षक के अधीन किसी उपबंध के अधीन धारा 35कघ की उपधारा (8) के खंड () में निर्दिष्ट किसी विनिर्दिष्ट कारबार के लाभों की बाबत किसी निर्धारण वर्ष के लिए कटौती का दावा किया जाता है और उसे अनुज्ञात किया जाता है वहां ऐसे विनिर्दिष्ट कारबार के संबंध में उसी या किसी अन्य निर्धारण वर्ष के लिए धारा 35कघ के उपबंधों के अधीन कोर्इ कटौती अनुज्ञात नहीं की जाएगी।

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