एडेड माध्यमिक कालेजों की शिक्षक नियुक्ति में हेराफेरी करने वाले अब निशाने पर हैं। शासन के निर्देश पर मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को आख्या के साथ तलब किया जा चुका है। सभी से पूछा गया है कि शिक्षक पद का अधियाचन यदि चयन बोर्ड नहीं भेजा गया तो दोषी अधिकारी का नाम क्या है? और उसकी वर्तमान में तैनाती कहां है? इस सवाल से साफ है कि नियुक्ति में गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। बस जांच पूरा होने का इंतजार है।, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका संख्या 8300 सी. ए. 2016संजय सिंह व अन्य बनाम उप्र व अन्य सहित सिविल अपीलों पर 28 फरवरी 2020 को आदेश दिया है। शासन अशासकीय सहायताप्राप्त कालेजों में नियुक्ति पाने वालों की चयन प्रक्रिया जांच रहा है कि वह सही है या नहीं। शासन स्तर पर तय हुआ कि उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड सचिव पिछले वर्षो में मिले अधियाचन की रिपोर्ट देंगी। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक जिलों से भेजें अधियाचन व चयन प्रक्रिया की जांच करेंगे।
प्रयागराज के शिक्षा निदेशालय में अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक व डीआइओएस को तलब करके जांच शुरू कर दी है।
इस तरह की मांगी आख्या : जिले का नाम, शिक्षक का नाम व पदनाम, विद्यालय, कब से संबद्ध, रिक्त पद किस विषय का था पूर्व में कार्यरत शिक्षक का नाम, भेजे अधियाचन का पत्रंक व दिनांक, यदि अधियाचन नहीं भेजा दोषी अधिकारी का नाम व वर्तमान तैनाती स्थान, अधियाचन की प्रति चयनित अभ्यर्थी को मिली या नहीं, नियुक्ति की तारीख।
नियुक्ति प्रक्रिया : दो बहुप्रसारित समाचार पत्र में विज्ञापन, चयन समिति का गठन, अर्हता, गुणांक निर्धारण। संस्था ने डीआइओएस को प्रकरण कब संदíभत किया था, वेतन भुगतान व अन्य विवरण।