उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पीसीएस मेन परीक्षा 2018 में स्केलिंग लागू कराने से उच्च न्यायालय का इन्कार

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-2020 में स्केलिंग को लेकर नए बदलाव करने के निेर्देश दिए हैं. अप्रैल में जारी पीसीएस-2020 के लिए जारी नोटिफिकेशन में आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय का हवाला देते हुए जानकारी दी है कि स्केलिंग सिस्टम आवश्यकता के अनुरूप लागू किया जाएगा. आयोग ने अपने किसी नोटिफिकेशन में ऐसा उल्लेख पहली बार किया है. इससे पहले पीसीएस के सभी नोटिफिकेशन में इसी स्थान पर लिखा जाता रहा है कि पीसीएस मुख्य परीक्षा के वैकल्पि‍क विषय में स्केलिंग पूर्ववत लागू रहेगी. आयोग के इस नोटिफिकेशन के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं. प्रतियोगी छात्रों का आरोप है कि आयोग पीसीएस परीक्षा से स्केलिंग समाप्त करना चाहता है इसलिए इस बार स्केलिंग लागू रहने की बजाय आवश्यकता के अनुरूप लागू करने की बात कर रहा है.

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा लिए गए नए निर्णयों का विरोध शुरू हो गया है. प्रतियोगी उसे बदलकर पुरानी व्यवस्था लागू करने की मांग कर रहे हैं: प्रतियोगियों का कहना है कि पिछले 15 वर्षों में 90 प्रतिशत प्रतियोगी छात्रों ने पीसीएस मुख्य परीक्षा में मानविकी के तहत रक्षा अध्ययन, समाज कार्य, इतिहास, भूगोल तथा दर्शनशास्त्र जैसे विषयों को लिया है. इन विषयों में उन्हें सबसे अधिक अंक मिलते थे. प्रतियोगियों का आरोप है कि बिना किसी सूचना के आयोग ने पीसीएस-18 में इन विषयों को हटा दिया. इसके साथ ही स्केलिंग प्रक्रिया को लागू करने में भी ईमानदारी नहीं बरती गई है.

प्रतियोगी छात्रों के समूह का नेतृत्व कर रहे कौशल सिंह का कहना है कि पीसीएस में आइएएस पैटर्न लागू होने से अंग्रेजी माध्यम के अभ्यर्थियों का चयन बढ़ा है, जबकि हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों के चयन में गिरावट आयी है. इस भेदभाव के खिलाफ सड़क पर उतरकर आंदोलन छेड़ा जाएगा. अभ्यर्थियों को एकजुट करने के लिए सोशल मीडिया में अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही ई-मेल, ट्विटर के जरिए केंद्रीय गृहमंत्री, मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग अभ्यर्थी कर रहे हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *