प्रधानमंत्री के द्वारा ली गई मीटिंग में उनके द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार इंटरमीडिएट छात्रों की परीक्षा कराना उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है उनके स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की दृष्टि से इंटरमीडिएट की परीक्षा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड ने निरस्त कर दी अनेक राज्यों ने भी किया |उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी है सूच्य है कि इसके पहले ही उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद हाई स्कूल की परीक्षा भी निरस्त कर चुका है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द कर दी है इस फैसले से 26 10316 विद्यार्थियों को फायदा होगा वह गुरुवार को मुख्यमंत्री के अध्यक्षता में हुई बैठक में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की रिजल्ट तैयार करने का फार्मूला भी प्रस्तावित किया गया यह जानकारी उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने | इससे पहले हाईस्कूल की परीक्षा भी रद्द की जा चुकी है इस पर हाईस्कूल में 29 लाख 94 हजार विद्यार्थी पंजीकृत से उन्होंने बताया कि माध्यमिक स्तर की सभी कक्षाओं में अब विद्यार्थी पूर्ण होंगी हाई स्कूल की परीक्षा पहले ही रद्द की जा चुकी है उन्होंने बताया कि हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा की सभी संस्थागत विद्यार्थियों को अगली कक्षा में अपनी इच्छा के अनुसार विषय लेने के लिए या अपने सभी विषयों परीक्षा में शामिल होकर अपने अंको में सुधार करने का मौका दिया जाएगा यह अंक 2021 की हाईस्कूल इंटरमीडिएट परीक्षा के अंक ही माने जाएंगे सत्र निमितिकरण के तहत अब अगली कक्षा में ऑनलाइन कक्षाएं प्रारंभ की जा सकती है और कक्षा बारहवीं के छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने में कठिनाई नहीं होगी दिनेश शर्मा ने कहा कि देश का पहला राज्य जिसने जुलाई 2020 में संक्रमण के कारण पाठ्यक्रम में दिखी थी उनकी शुरुआत से ही के साथ durdarshan स्वयं प्रभा चैनल की विद्या चैनल वर्चुअल स्कूल और माध्यमिक शिक्षा परिषद की ज्ञान गंगा के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया गया 29 लाख से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा निरस्त होने से यूपी बोर्ड को अरबों में रुपए का फायदा होगा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा है ना होने से करोड़ों रुपए का नुकसान तो अरबों का फायदा भी हुआ बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटर के प्रत्येक छात्र से पंजीकरण शुल्क के रूप में क्रमशाह 500 .75 ₹600.75 लिए थे इससे हाई स्कूल के 2994312 और इंटर के 2609501 छात्र छात्राओं से क्रमशः 1.49 अरब और 1.5 अरब रूपये से अधिक की कमाई हुई हालांकि हर वर्ष बोर्ड परीक्षा संचालन में औसतन 200 करोड़ रुपए के आसपास खर्च भी होता है 2021 की परीक्षा के लिए पेपर छप चुका था छप्पन लाख से अधिक छात्राओं के लिए तकरीबन 3:30 करोड़ Siya भी सभी 75 जिलों को दिसंबर में भेजी जा चुकी थी बोर्ड की एक कापी 3.5 से ₹5 तक की पड़ती है
परीक्षा निरस्त होने से निजी स्कूल के शिक्षकों को झटका यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा निरस्त होने से 30,000 से अधिक प्राइवेट स्कूलों के लाखों सिखों को झटका लगा है करो ना कॉल में 2 साल से इन वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों को पूरा वेतन नहीं मिल पा रहा है बोर्ड परीक्षा की उनकी आंख बनी रहती है क्योंकि कचनी क्षण और मूल्यांकन में आमदनी हो जाती है हकीकत में वित्तविहीन स्कूलों की शिक्षक कहां पर है ना झांसी को बोर्ड के लिए प्रणाम देना मुश्किल हो जाए इस साल परीक्षाएं निरस्त होने के कारण पहले से ही अधिक आर्थिक संकट से गुजर रहे थे क्यों को झटका लगा अशासकीय शोभित पोषित विद्यालय महासंघ अध्यक्ष डॉ अनिल मिश्र कहते हैं कि वर्तमान सरकार से 6 विरोधी है वित्तविहीन शिक्षकों के लिए किसी भी तरह का मानदेय एवं उनकी सेवा सुरक्षा सावधान ना करने से ऐसा प्रतीत होता है क्योंकि इसकी मजदूर से भी बदतर है कहा कि amit इन शिक्षकों का दुर्भाग्य है कि एक बार अखिलेश सरकार ने बजट में ₹200 का प्रावधान किया था लेकिन शासनादेश में यह लिखना कि इसे भविष्य में उदाहरण ग्रुप में ना माना जाए से यह समस्या तक बनी हुई है