Thursday, March 28, 2024
Secondary Education

आयोग/चयन बोर्ड के गठन के बाद कठिनाई निवारण आदेश उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग (कठिनाइयों को दूर करना) आदेश, 1981

आयोग/चयन बोर्ड के गठन के बाद कठिनाई निवारण आदेश उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग (कठिनाइयों को दूर करना) आदेश, 1981 

(उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग और चयन बोर्ड अध्यादेश, 1981 (उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 8, 1981) की धारा 33 के अधीन)। 

(जैसा कि उ0प्र0 सरकारी असाधारण गजट दिनांक 31 जुलाई, 1981 में अधिसूचना संख्या मात्र 4993/15-7-1(79)-1981, दिनांक 31 जुलाई, 1981 में प्रकाशित) 

. चूँकि इण्टरमीडिएट शिक्षा अधिनियम, 1921 के अधीन मान्यता प्राप्त संस्थाओं के अध्यापकों के चयन के लिये माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग और छः या इससे अधिक माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड स्थापित करने की दृष्टि से 10 जुलाई, 1981 को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग और चयन बोर्ड अध्यादेश, 1981 (उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 8, 1981) प्रख्यापित किया गया था, 

और चूँकि आयोग और चयन-बोर्डो की स्थापना करने में कुछ समय लगने की सम्भावना है और उक्त आयोग और बोर्डो की स्थापना होने के पश्चात् भी प्रथम कुछ महीनों के लिये अध्यापकों के चयन करना सम्भव नहीं है। 

और चकि इण्टरमीडिएट शिक्षा अधिनियम, 1921 के अधीन मान्यता प्राप्त विभिन्न संस्थाओं में अध्यापक के अनेक पद रिक्त हैं और ऐसी रिक्तियों के न भरने में विलम्ब करने से कठिनाइयाँ उत्पन्न होने की सम्भावना है। 

अतएवं, अब उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग और चयन बोर्ड अध्यादेश. 1981 (उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 8, 1981) की धारा 33 के अधीन शक्ति का प्रयोग करके राज्यपाल निदेश देते हैं कि उक्त अध्यादेश के उपबन्ध निम्नलिखित आदेश के उपबन्धों के अधीन रहते हए प्रभावी होंगे 

1. संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ. (1) यह आदेश उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग (कठिनाइयों को दूर करना) अध्यादेश, 1981 कहा जायगा। 

(2) यह तुरन्त प्रवृत्त होगा। 

2. रिक्तियाँ जिनमें तदर्थ नियुक्ति की जा सकती है. किसी संस्था का प्रबन्धतंत्र निम्नलिखित दशाओं में इस आदेश के उपबन्धों के अनुसार किसी अध्यापक को पदोन्नति या सीधी भर्ती द्वारा नितान्तः 

तदर्थआधार र 

मृत्यु, सेवा 

.. इण्टरमीडिएट एजूकेशन एक्ट तथा सम्बन्धित विधियाँ / 291 आधार पर नियुक्त कर सकता है, अर्थात (क) इस आदेश के प्रारम्भ के दिनांक की विद्यमान किसी ऐसी मौलिक रिक्ति की स्थिति में जो 

निवत्ति, पद त्याग या अन्य प्रकार से हुई हो; ” . ख) किसी छुट्टी की रिक्ति की स्थिति में, जहाँ सम्पूर्ण छटी या उसका असमाप्त भाग ऐस प्रारम्भ दिनांक को दो मास से अधिक अवधि के लिये हो. 

(ग) जहाँ खण्ड (क) या खण्ड (ख) में विनिर्दिष्ट प्रकार की रिक्ति ऐसे प्रारम्भ के दिनांक के पश्चात् मास की अवधि के भीतर होती हो। 

3. तदर्थ नियुक्तियों के अवधि.-पैरा 2 के अधीन प्रत्येक तदर्थ अध्यापक की नियुक्ति निम्नलिखित दिनांकों में से शीघ्रातिशीघ्र दिनांक से प्रभावी न रह जायगी; अर्थात् 

(क) जब आयोग या बोर्ड द्वारा संस्तुत अभ्यर्थी पद का कार्यभार ग्रहण कर ले; या (ख) जब ऐसी तदर्थ नियुक्ति के दिनांक से छ: मास की अवधि समाप्त हो जाय। 

4. पदोन्नति द्वास तदर्थ नियुक्ति.-(1) किसी संस्थाध्यक्ष के पद की प्रत्येक रिक्ति (क) किसी इण्टरमीडिएट कालेज की स्थिति में, प्रवक्ता की श्रेणी में, संस्था के ज्येष्ठतम अध्यापक 

द्वारा; 

(ख) इण्टरमीडिएट कालेज के स्तर तक बढ़ाये गये हाईस्कूल की स्थिति में ऐसे हाईस्कूल के प्रधान अध्यापक द्वारा; 

(ग) हाईस्कूल के स्तर तक बढ़ाये गये जूनियर हाईस्कूल की स्थिति में ऐसे जूनियर हाईस्कूल के प्रधान अध्यापक द्वारा; पदोन्नति द्वारा भरी जायेगी। 

(2) प्रवक्ता की श्रेणी में किसी अध्यापक के पद पर प्रत्येक रिक्ति प्रशिक्षित स्नातक (एल0टी0) श्रेणी में संस्था के ज्येष्ठतम अध्यापक की पदोन्नति करके भी भरी जा सकती है। … (3) प्रशिक्षित स्नातक (एल०टी०) श्रेणी में किसी अध्यापक के पद पर प्रत्येक रिक्ति प्रशिक्षित अधिस्नातक (सी0टी0) श्रेणी में संस्था के ज्येष्ठतम अध्यापक की पदोन्नति करके भरी जायेगी। 

(4) प्रशिक्षित अधिस्नातक (सी0टी0) श्रेणी में किसी अध्यापक के पद पर प्रत्येक रिक्त जे0टी0सी0 श्रेणी या बी0टी0सी0 श्रेणी में संस्था के ज्येष्ठतम अध्यापक की पदोन्नति करके भरी जायेगी। 

स्पष्टीकरण : इस पैरा के खण्ड (1) से (4) के प्रयोजनों के लिये, पद “ज्येष्ठतम अध्यापक” का तात्पर्य, यथास्थिति, प्रवक्ता श्रेणी या प्रशिक्षित स्नातक (एल0टी0) श्रेणी या प्रशिक्षित अधिस्नातक (सी0टी0) श्रेणी या जे0टी0सी0 या बी0टी0सी0 श्रेणी में ऐसे अध्यापक से है जिसकी संस्था में अधिकतम अनवरत सेवा हो। 

5. सीधी भर्ती द्वारा तदर्थ नियुक्ति.-(1) जहाँ पैरा 4 के अधीन कोई रिक्ति पदोन्नति द्वारा नहीं भरी जा सकती हो वहाँ उसे खण्ड (2) से (5) के अनुसार सीधी भर्ती द्वारा भरी जा सकती है। 

(2) प्रबन्ध-तंत्र, यथाशीघ्र, रिक्ति के ब्यौरे के बारे में जिला विद्यालय निरीक्षक को सचित करेगा और ऐसा निरीक्षक, स्थानीय सेवायोजन कार्यालय से और कम से कम दो समाचार पत्रों में, जिनका उत्तर प्रदेश में पर्याप्त परिचलन हो, सार्वजनिक विद्यापन के माध्यम से भी आवेदन पत्र आमंत्रित करेगा। 

(3) खण्ड (2) में विनिर्दिष्ट प्रत्येक आवेदन पत्र जिला विद्यालय निरीक्षक को सम्बोधित किया जायगा और उसके साथ निम्नलिखित संलग्न होंगे : 

(क) ऐसे निरीक्षक को देय दस रूपये मूल्य का रेखांकित पोस्टल आर्डर; (ख) अपना पता लिखा लिफाफा, जिसमें रजिस्ट्रीकरण के प्रयोजन के लिये डाक टिकट हो। (4) जिला विद्यालय निरीक्षक परिशिष्ट में विनिर्दिष्ट गुणांकों के आधार पर सर्वोत्तम अभ्यर्थियों को 

292/ इण्टरमीडिएट एजूकेशन एक्ट तथा सम्बन्धित विधियाँ चुनेगा। गुणांकों का संकलन ऐसे निरीक्षकों के व्यक्तिगत पर्यवेक्षण के अधीन सेवानिवत्त सरकारी सेवकों द्वारा पारिश्रमिक के आधार पर किया जा सकता है। . ___(5) यदि एकाधिक संस्था के लिये उसी विषय या श्रेणी के एकाधिक अध्यापक भर्ती किये जा तो चुने हुये अध्यापकों और संस्थाओं के नाम हिन्दी वर्ण के माला क्रम में रखे जायेंगे। अभ्यर्थी नाम सूची में ऊपर आयें, उन्हें, उस संस्था को प्रदिष्ट किया जायेगा जिनका नाम संस्था की सनी – अपर आया हो। इस प्रक्रिया को तब तक दोहराया जाता रहेगा जब तक कि दोनों सूचियाँ समाप्त नहीं 

हो जाती। 

स्पष्टीकरणः महिलाओं को शिक्षा देने वाली संस्था के सम्बन्ध में पद “जिला विद्यालय निरीक्षक का तात्पर्य “सम्भागीय बालिका विद्यालय निरीक्षका” से है। 

6. नियुक्ति की अर्हताएं.-पैरा 4 या 5 के अधीन किसी अध्यापक की प्रत्येक नियुक्ति निम्नलिखित शर्तों के अधीन होगी, अर्थात् 

– (क) पदोन्नति या सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त किये जाने वाले अभ्यर्थी को इण्टरमीडिएट शिक्षा अधिनियम, 1921 के अधीन बनायी गयी विनियमावली के अध्याय दो, के विनियम (1) में निर्दिष्ट परिशिष्ट “क” में निर्धारित आवश्यक अर्हतायें पूरी करनी चाहिये। 

(ख) पैरा 5 के अधीन सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त किया जाने वाला अभ्यर्थी इण्टरमीडिएट शिक्षा अधिनियम, 1921 की अनुसूची दो में उपदर्शित रीति से प्रबन्ध सीमित के किसी सदस्य से सम्बन्धित नहीं होगी। 

(ग) पैरा 4 के अधीन पदोन्नति द्वारा नियुक्त किये जाने वाले अभ्यर्थी को आदेश के प्रारम्भ के दिनांक से पूर्व मौलिक रूप से संस्था में सेवारत अवश्य होना चाहिये।। 

7. विवाद निदेशक को निर्दिष्ट किया जायेंगे.-(1) इस आदेश के अधीन पदोन्नति या सीधी भर्ती से सम्बद्ध प्रत्येक विवाद निदेशक को निर्दिष्ट किया जायेगा और उस पर उनका विनिश्चय अन्तिम होगा। 

(2) खण्ड (1) की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, निदेशक को परिशिष्ट में उल्लिखित गुणांकों के अधिनियम से यह आदेश के अनुसार किसी पदोन्नति या सीधी भर्ती की विधिमान्यता या 

औचित्य से सम्बन्धित परिवाद की. यदि कोई हो, जाँच करने और ऐसे आदेश के उल्लंघन में की गई किसी पदोन्नति, भर्ती या नियुक्ति को रदद करने की शक्ति होगी। 

परिशिष्ट 

सीधी भर्ती द्वारा अध्यापकों के चयन हेतु गुणांक (1) प्रशिक्षित अधिस्नातक वेतनक्रम (सी0टी0 व बी0टी0सी0) 

परीक्षा प्रथम श्रेणी द्वितीय श्रेणी ततीय श्रेणी 

2 हाईस्कूल इण्टरमीडिएट स्नातक उपाधि 

परास्नातक उपाधि – प्रशिक्षण 

इण्टरमीडिएट एजूकेशन एक्ट तथा सम्बन्धित विधियाँ / 293 | प्रशिक्षित स्नातक वेतनक्रम (एल0टी0) क्र०-सं0 . परीक्षा 

प्रथम श्रेणी द्वितीय श्रेणी 1 

तृतीय श्रेणी 

हाईस्कूल इण्टरमीडिएट स्नातक उपाधि परास्नातक उपाधि 

प्रशिक्षण (3) प्रवक्ता वेतन क्रम : क्र0-सं0 . परीक्षा 

प्रथम श्रेणी द्वितीय श्रेणी तृतीय श्रेणी 

5 हाईस्कूल इण्टरमीडिएट स्नातक उपाधि – 16 परास्नातक उपाधि 32 

admin

Up Secondary Education Employee ,Who is working to permotion of education

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *