प्रवेश के लिए पर्सेन्टाइल जारी : देश के आईआईटी-एनआईटी सहित 116 कॉलेजों की 57 हजार से अधिक सीटों के लिए जोसा द्वारा जॉइंट काउंसलिंग जारी है। आईआईटी-एनआईटी एवं ट्रिपलआईटी प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को अन्य पात्रताओं के साथ-साथ 12वीं बोर्ड की पात्रता को भी पूरा करना अनिवार्य होता है, जिसके अनुसार विद्यार्थियों को अपने-अपने बोर्ड की कैटेगरी अनुसार या तो टॉप-20 पर्सेन्टाइल में क्वालीफाई करना होता है या फिर सामान्य व ओबीसी के विद्यार्थियों को 75 प्रतिशत एवं एससी-एसटी विद्यार्थियों को 65 प्रतिशत अंक लाने होते हैं।
करिअर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस वर्ष गत तीन वर्षों की टॉप-20 पर्सेन्टाइल एक साथ जारी की गई है। जारी किए गए बोर्डों की टॉप-20 पर्सेन्टाइल में वर्ष 2023 में मणिपुर, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, असम, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ बोर्ड की टॉप-20 पर्सेन्टाइल 75 प्रतिशत एवं कैटेगिरी अनुसार 65 प्रतिशत से कम रही है।इसके साथ ही मेघालय, झारखंड, हरियाणा, नागालैंड, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हिमाचल, दयालबाग, आईसीएससी, सीबीएसई, कर्नाटका, आंध्रप्रदेश की बोर्ड की टॉप 20 पर्सेन्टाइल 75 एवं कैटेगिरी अनुसार 65 प्रतिशत से अधिक रही है। वहीं गोवा बोर्ड की टॉप 20 पर्सेन्टाइल 75 पर्सेन्ट के बराबर रही है।
आहूजा के अनुसार देश में जेईई-मेन एवं एडवांस में बैठने वाले सबसे अधिक विद्यार्थी सीबीएसई बोर्ड से होते हैं। सीबीएसई बोर्ड की टॉप-20 पर्सेन्टाइल सामान्य वर्ग के लिए 84 प्रतिशत, ओबीसी की 82 प्रतिशत, एससी की 76 प्रतिशत, एसटी-पीडब्ल्यूडी की 74 प्रतिशत रही है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानें (IITs) और नेशनल इंस्टीट्यूट्स of Technology (NITs) देश में उच्चतम प्रौद्योगिकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रमुख स्थान हैं। इन संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करना एक छात्र के लिए गर्व का क्षण होता है। हाल ही में, इन संस्थानों ने अपनी प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव का निर्णय लिया है, और अब वे प्रवेश के लिए पर्सेन्टाइल जारी कर रहे हैं। इस नए पहलू को समझने के लिए हमें इस निर्णय की बातचीत करनी चाहिए।
पर्सेन्टाइल क्या है?
पर्सेन्टाइल एक ऐसी अंकतालिका है जो आवेगी गणित के आधार पर बनाई जाती है और छात्रों की प्रदर्शन क्षमता को निर्धारित करने में मदद करती है। इसका अर्थ है कि यह छात्र को उनके साथी छात्रों के साथ कैसे तुलना करता है। एक छात्र को उसके प्रदर्शन के आधार पर पूरे छात्र समूह में स्थान दिखाता है, जिससे प्रवेशकर्ताओं को यह समझने में मदद मिलती है कि वह किस स्तर के छात्र से सामर्थ्य रखते हैं।
पर्सेन्टाइल के निर्णय का उद्देश्य:
- न्यूनतम योग्यता का निर्धारण: पर्सेन्टाइल आवेगी गणित का उपयोग करके छात्रों की न्यूनतम योग्यता को निर्धारित करने में मदद करती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि केवल अच्छे अंक प्राप्त करने वाले छात्र ही इस प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होते हैं, जो उच्चतम गुणवत्ता और संभावना के साथ पढ़ाई कर सकते हैं।
- छात्रों की सामाजिक स्थिति का मूल्यांकन: पर्सेन्टाइल स्थान निर्धारित करने में मदद करती है जिससे छात्रों की सामाजिक स्थिति का भी मूल्यांकन किया जा सकता है। कई बार छात्रों के पास योग्यता होने के बावजूद उच्चतम शिक्षा तक पहुंचने में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, और इसमें सुधार करने के लिए पर्सेन्टाइल उपयुक्त उपाय है।
- छात्रों की समृद्धि की समर्थन: पर्सेन्टाइल स्थान के आधार पर छात्रों को उनकी समृद्धि की समर्थन की जा सकती है। छात्रों को इस तरीके से प्रेरित किया जा सकता है कि वे अपनी क्षमताओं को सही दिशा में बढ़ावा दें और उच्चतम शिक्षा के क्षेत्र में अपनी स्थानीयता को बढ़ाएं।
- प्रतिस्पर्धा में न्याय: पर्सेन्टाइल छात्रों को स्थानांतरित करके प्रतिस्पर्धा में न्यायपूर्णता सुनिश्चित करती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि छात्रों की सार्वजनिकता और उच्चतम शिक्षा में समर्थता के आधार पर ही प्रवेश होता है।
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पर्सेन्टाइल के जारी होने से आईआईटी-एनआईटी प्रवेश प्रक्रिया में एक नई दिशा आई है जो छात्रों को न्यूनतम योग्यता और उच्चतम शिक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए एक न्यायपूर्ण और सुविधाजनक पथ प्रदान करती है। यह निर्णय न केवल छात्रों को उनकी सामर्थ्य स्तर के आधार पर मूल्यांकन करने में मदद करता है, बल्कि उच्चतम शिक्षा क्षेत्र में नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए एक नया मॉडल भी प्रदान करता है।