अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों को वर्ष 2013 की भर्ती में 632 प्रधानाचार्य मिलने का रास्ता साफ हो गया है। आठ साल बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू होने पर मोहन सिंह व अन्य की ओर से वर्तमान योग्यता को जोड़कर साक्षात्कार में शामिल किए जाने संबंधी दायर याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। भर्ती पूरी करने के लिए उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड आवेदन के समय की तय योग्यता पर साक्षात्कार संपन्न करा चुका है, लेकिन हाई कोर्ट की रोक के कारण परिणाम जारी नहीं किया।
वर्ष 2013 में विज्ञापन जारी किए जाने के बाद चयन बोर्ड की ढिलाई के कारण प्रधानाचार्य भर्ती अटकी रही। चयन बोर्ड ने विज्ञापन जारी कर अभ्यर्थियों से आफलाइन आवेदन तो लिया, लेकिन उसके बाद भर्ती ठंडे बस्ते में चली गईं। विलंब होने पर कुछ अभ्यर्थी हाईकोर्ट पहुंच गए। सुनवाई के दौरान चयन बोर्ड ने भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी करने को कोर्ट में हलफनामा दिया। बोर्ड ने हलफनामा के आधार पर कोर्ट से समय मिल जाने पर 14 से 30 मार्च के बीच प्रदेश के सभी 18 मंडलों के 3824 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार चरणवार संपन्न करा लिया। हाई कोर्ट ने वर्तमान योग्यता को जोड़कर साक्षात्कार में अभ्यर्थियों को शामिल किए जाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया था। चयन बोर्ड के सचिव नवल किशोर का कहना है कि हाई कोर्ट का आदेश मिलने पर बोर्ड की ओर से प्रक्रिया पूरी कर परिणाम जारी किया जाएगा।
गलत ढंग से बाहर हुए आवेदकों का इंटरव्यू
इस भर्ती के कुछ आवेदकों ने गलत ढंग से मेरिट तैयार कर साक्षात्कार से बाहर किए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचियों के पक्ष में फैसला सुनाया । चयन बोर्ड के सचिव ने बताया कि गलत ढंग से बाहर हुए करीब 15 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार कराने का निर्देश हाई कोर्ट ने दिया है। जल्द ही तिथि तय कर इन अभ्यर्थियों के साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।