अपर जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कार्यरत फर्जी शिक्षकों की पोल प्रशासनिक जांच से पहले तकनीकी जांच से ही खुल जाएगी। बेसिक शिक्षा महानिदेशालय ने फर्जी शिक्षकों का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए तकनीक के जरिए जांच की कवायद शुरू की है। एसटीएफ की ओर से की जा ही फर्जी शिक्षकों की जांच में खुलासा हुआ था कि कुछ फर्जी शिक्षकों ने आयकर विभाग की पड़ताल के बाद अपना पैन नंबर बदला है। 

विभाग ने अब प्रदेश में सभी ऐसे शिक्षकों का ब्यौरा जुटाना शुरू किया है, जिन्होंने नियुक्ति के बाद पैन नंबर बदला है। उनके पुराने पैन नंबर और नए पैन नंबर से पता लगाया जाएगा कि पहले जिस पैन नंबर से अपना रिटर्न दाखिल कर रहे थे वह वास्तव में किसका है। इसी प्रकार विभाग ने अब मानव संपदा पोर्टल पर भी शिक्षकों का डाटा 30 जून तक स्व सत्यापित कराया जा रहा है।

30 जून तक सभी शिक्षकों का डाटा मिलने के बाद विभाग द्वारा शिक्षकों से आधार नंबर का सत्यापन कराया जाएगा। इसके बाद विभाग द्वारा तैयार कराए जा रहे सॉफ्टवेयर की मदद से एक ही नाम, एक ही आधार नंबर और पैन नंबर वाले शिक्षकों का पता लगाया जाएगा, उनमें से सही शिक्षक की पड़ताल के बाद फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कानूनी और कार्रवाई भी की जाएगी। 

उल्लेखनीय है कि शासन की ओर से भी सभी परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के दस्तावेज की जांच के लिए हर जिले में अपर जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई है। जिलाधिकारियों को जल्द जांच पूरी कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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