लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 का परिणाम घोषित करने के बाद अंकपत्र वितरण की तैयारी में जुट गया है। इस दौरान परीक्षाफल में अंक संबंधी त्रुटि होने पर परीक्षार्थियों से बोर्ड प्रत्यावेदन ले रहा है, ताकि उसे ठीक किया जा सके।
त्रुटि सुधारे जाने की प्रक्रिया के बीच यूपी बोर्ड ने सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए हैं कि परीक्षार्थियों को अंकपत्र देने से पहले अभिलेखों से उसका मिलान अनिवार्य रूप से किया जाना है। अंकपत्र में किसी तरह की त्रुटि होने पर उसे वितरित न करें, बल्कि यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों को उसे वापस भेज दें, ताकि उसे दुरुस्त कर पुन: भेजा जा सके।
यूपी बोर्ड की ओर से अपर निदेशक क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज विनय कुमार गिल ने सभी राजकीय, सहायता प्राप्त एवं वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को इस आशय के निर्देश दिए हैं। कहा है कि अंकपत्र में त्रुटि होने पर उसे सुधरवाने के लिए परीक्षार्थियों को अनावश्यक रूप से बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। अंकपत्र में संशोधन की निर्धारित प्रक्रिया का उन्हें पालन करना पड़ता है, जिसमें चालान शुल्क जमा करने के साथ कई और औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं।
ऐसे में परीक्षार्थियों की इन परेशानियों को यूपी बोर्ड उत्पन्न नहीं होने देने चाहता। इसके लिए परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों को भी सचेत किया गया है कि वह अंकपत्र लेकर विद्यालय में ही उसका परीक्षण कर लें। किसी तरह की त्रुटि होने पर उसे इंगित करते हुए विद्यालय को वापस कर दें, जिससे कि उसे सुधारकर पुन: भेजा जा सके।
यह त्रुटियां परीक्षा फार्म भरे जाते समय विद्यालयों की ओर से गंभीरता से अभिलेखों से मिलान न करने के कारण होती हैैं। विशेष रूप से वित्तविहीन विद्यालयों से यह समस्या अधिक आती है। उन्होंने कहा है कि इस तरह की त्रुटि पर अंकुश लगाया जाना जरूरी है।