यूपी बोर्ड का रिजल्ट आए करीब एक माह बीत रहे हैं। अब तक बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में स्क्रूटनी के लिए 7624 आवेदन आ चुके हैं। इनमें इंटर के 5581 हैं। मगर समस्या यह है कि स्क्रूटनी शुरू कैसे हो क्योंकि मूल्यांकन के बाद कापियां अभी जिलों में ही पड़ी हैं। वे क्षेत्रीय कार्यालय आएंगी तब स्क्रूटनी के आवेदनों पर विचार होगा। वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय से आसपास के 15 जिले सम्बद्ध हैं। स्थानीय अधिकारियों को बोर्ड मुख्यालय के दिशा निर्देश के इंतजार में हैं।रिजल्ट आने के एक महीने के भीतर स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया जाता है। स्क्रूटनी में उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन नहीं होता। बल्कि यह चेक किया जाता है कि उत्तरपुस्तिका में कोई प्रश्न मूल्यांकन से छूट तो नहीं गया या अंकों के योग में तो कोई गड़बड़ी नहीं है। प्रायः ऐसी गड़बड़ी हर साल सामने आती है। कई परीक्षार्थियों के अंक बढ़ जाते हैं। इसी वजह से इस बार भी बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया है। वे रिजल्ट से संतुष्ट नहीं हैं। स्क्रूटनी कराने वालों में सबसे अधिक इंटर के छात्र हैं। इंटर के छात्रों के लिए मेरिट का अधिक महत्व होता है। मेरिट के आधार पर स्नातक कक्षाओं में दाखिला के समय एक-एक नंबर का महत्व बढ़ जाता है।
कापियां अभी मूल्यांकन केंद्रों मेंबोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय के सामने सबसे बड़ी समस्या है कि अभी उत्तर पुस्तिकाएं मूल्यांकन केंद्रों पर पड़ी हैं। वाराणसी परिक्षेत्र की कापियां पश्चिम के उन जिलों के विद्यालयों में हैं, जहां इनका मूल्यांकन हुआ था। कोरोना संक्रमण के कारण इन कापियों का ट्रांसपोर्टेशन नहीं हो सका है। इसलिये स्क्रूटनी शुरू होने में थोड़ा समय लगेगा।