कस्तूरबा गांधी में कार्यरत अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद सरकार ने फर्जी के शिक्षकों की धरपकड़ जोर शोर से कर रही है। प्रदेश में कार्यरत सभी शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच की जा रही है। कुछ शिक्षक विभाग को गुमराह करके किसी अन्य व्यक्ति के स्थान पर नौकरी कर रहे थे जिन्हें पैन कार्ड की मिलान से पकड़ लिया गया है। बस्ती जिले में दूसरे के नाम पर नौकरी करने वाले तीन फर्जी शिक्षकों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। बीएसए अरुण कुमार ने जांच में कूट रचित फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्ति हासिल करने की पुष्टि होने के बाद सभी शिक्षकों को 4 जुलाई को बर्खास्त कर दिया। संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को आहरित वेतन की वसूली के लिए लेखा अधिकारी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। खंड शिक्षा अधिकारी सुभाष चंद्र ने तहरीर दिया कि ब्लॉक बड़हर कला प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मालती पांडे ने धोखाधड़ी व जालसाजी करके दूसरे की मार्कशीट लगाकर नौकरी हासिल कर ली थी। पुलिस ने बड़हर कला खुर्द थाना हरैया निवासी मालती पांडे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इसी प्रकार कुंदरा ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने लालगंज थाने में तहरीर दिया कि पूर्व माध्यमिक विद्यालय बानपुर में तैनात सहायक अध्यापक राणा प्रताप सिंह और प्राथमिक विद्यालय कबरा खास की प्रधानाध्यापिका प्रियंका चौधरी ने भी दूसरे की प्रमाण पत्र पर नौकरी हासिल की। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आ चुका है आरोपी राणा प्रताप सिंह संत कबीर नगर के साथ खरवनिया कला प्रियंका चौधरी संत कबीर नगर महुली थाने के तप्ता सतहरा के निवासी बताए गए हैं। इन सभी के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस छानबीन शुरू कर दी है। यह पूरा मामला कार्ड के जरिए खुलासा हुआ है।
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