उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के मूल शैक्षिक अभिलेख अब जांच के लिए नहीं जमा करवाए जाएंगे। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने माध्यमिक शिक्षा विभाग व उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अभिलेखों की जांच के लिए शिक्षकों से किसी भी कीमत पर मूल अभिलेख जमा न करवाए जाएं। माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के अभिलेखों की जांच के दौरान कई जिलों में शिक्षकों से मूल अभिलेख जमा करवाए जा रहे थे। शिक्षक अभिलेखों की फोटो कापी जमा करने की मांग को लेकर लगातार विरोध कर रहे थे। ऐसे में मंगलवार को आदेश जारी कर इस पर रोक लगा दी गई। एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी ने भी मंगलवार को उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से मुलाकात कर इस पर रोक लगाने की मांग की, ऐसे में शिक्षकों को अब राहत मिल गई है। मालूम हो कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में शिक्षिका अनामिका की फर्जी ढंग से नियुक्ति का मामला सामने आने के बाद बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा विभाग तक में कार्यरत सभी शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच के आदेश दिए गए थे। इसी के तहत अब जिलों में शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेख जांचे जा रहे हैं।
Related Posts
फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र के आधार पर बने प्रधानाचार्य के खिलाफ होगी कार्यवाही
उत्तर प्रदेश में शिक्षक की नौकरी के लिए किए गए अलग-अलग तरह के फर्जीवाड़े उजागर हो रहे हैं. अब बस्ती…