प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश के तीन हजार से अधिक एडेड जूनियर हाईस्कूलों के लिए शिक्षक चयन की तैयारी है। पहली बार इन स्कूलों में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा होगी। बेसिक शिक्षा अधिकारियों से फिर पदों का ब्योरा मांगा गया है। हालांकि शासन स्तर पर परीक्षा से जुड़ी अन्य तैयारियां लंबित हैं। छह माह में बेसिक शिक्षा विभाग लिखित परीक्षा का स्वरूप तय नहीं कर पाया है। संकेत हैं कि अधियाचन के साथ प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी।
अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक चयन के लिए प्रबंधतंत्र साक्षात्कार करके नियुक्ति करता रहा है। बीएसए उनका अनुमोदन करते थे जिससे चयन में जमकर गड़बड़ियां होती रही। योगी सरकार ने 2019 में अध्यापक भर्ती नियमावली 1978 में संशोधन कर दिया है। इसके तहत शिक्षक चयन की लिखित परीक्षा राज्य स्तर पर होनी है। प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक की अर्हता में भी बदलाव हो चुका है। साथ ही चयन परिषदीय शिक्षकों की तरह गुणांक के आधार पर होना है। सरकार ने चयन नियमावली में जब बदलाव किया, उस समय 3082 स्कूलों में 24000 शिक्षकों के पद सृजित और करीब 4300 पद रिक्त थे।
शासन ने जनवरी 2020 में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश प्रयागराज को यह कहते हुए परीक्षा संस्था बनाया कि नया आयोग गठित होने तक वह चयन करेगा। बीएसए से 15 जनवरी तक रिक्त पदों का ब्योरा मांगा गया था लेकिन सूचना नहीं मिली। अब अपर निदेशक बेसिक शिक्षा गायत्री ने पदों का ब्योरा जल्द मांगा है, पत्र में लिखा है कि रिक्त पदों पर चयन होना है।
पाठ्यक्रम, परीक्षा फार्मेट अभी तय नहीं : एडेड जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक चयन के लिए पाठ्यक्रम क्या होगा? परीक्षा ओएमआर बेस्ड होगी या अति लघु उत्तरीय प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके अलावा भर्ती में चयन प्रक्रिया ठीक वैसे ही हो सकती है जिस तरह चयन बोर्ड एडेड माध्यमिक कालेजों में अपनाता है। ज्ञात हो कि स्कूल में जिस विषय का पद खाली होगा उसके अधियाचन के अनुरूप रिजल्ट बनेगा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि यह सब शासन तय करेगा, उसी हिसाब से परीक्षा कराई जाएगी।