उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड—19 महामारी से उपजे हालात में शिक्षण सत्र को नियमित करने के लिये माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कमी करने का फैसला किया है. राज्य के उप मुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए सत्र को नियमित करने के लिये सरकार ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत कम करने का महत्वपूर्ण फैसला किया है
उन्होंने बताया कि बचे हुए 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम को तीन भागों में विभाजित करते हुए कक्षाएं संचालित की जाएंगी. पहले भाग में पाठ्यक्रम का वह भाग होगा जिसको कक्षावार, विषयवार और अध्यायवार वीडियो बनाकर आनलाइन पढ़ाया जाएगा और स्वयंप्रभा चैनल एवं यूपी दूरदर्शन पर प्रसारित किया जाएगा. शर्मा ने बताया कि दूसरे भाग में पाठ्यक्रम का वह भाग होगा, जिसे छात्र खुद पढ़ सकेंगे. वहीं, तीसरे भाग में पाठ्यक्रम का वह भाग होगा जो प्रोजेक्ट वर्क के माध्यम से छात्रों द्वारा किया जा सकता ह
उपमुख्यमंत्री ने बताया, ‘‘माध्यमिक शिक्षा विभाग में हम 10 माह पहले ही शैक्षिक पंचांग जारी कर देते हैं, मगर कोरोना वायरस महामारी की वजह से यह निर्णय लेना पड़ा है.’’ उन्होंने कहा कि विषय विशेषज्ञों द्वारा कक्षावार/ विषयवार/ अध्यायवार बनाए गए शैक्षिक पंचांग के अनुसार शैक्षिक एवं अन्य शैक्षणिक गतिविधियों का माहवार वार्षिक एकेडमिक कैलेंडर बनाया जाएगा. शैक्षिक पंचांग के अनुसार विद्यालयों में पाठ्यक्रम को पढ़ाने, मूल्यांकन कराने, निगरानी कराने के लिये विद्यालय, जनपद, मंडल एवं राज्य स्तर पर मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) को निर्मित किया जाएगा.
शर्मा ने बताया कि विषय विशेषज्ञों द्वारा कक्षावार, विषयवार, अध्यायवार प्रश्न पत्र बैंक बनाकर माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड कराया जाएगा, इनका मूल्यांकन मासिक, त्रैमासिक एवं वार्षिक आधार