लखनऊ (एसएनबी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा सीबीएसई व आईसीएसई १२वीं की परीक्षाएं रद्द करने की घोषणा के बाद बृहस्पतिवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद की १२वीं की परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया। लोकभवन में सीएम के साथ डि़प्टी सीएम ड़ा. दिनेश शर्मा के साथ माध्यमिक शिक्षा विभाग के आला अफसरों की मौजूदगी में छात्रों को प्रोन्नत करने का भी फार्मूला तय करने लिए अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने का निर्णय लिया गया। इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद प्रोन्नत के फार्मूले पर निर्णय लिया जाएगा। ड़ा. शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री प्रदेश के प्रत्येक विद्यार्थी व शिक्षक के स्वास्थ्य की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे और उन्होंने कोरोना संक्रमण की असाधारण परिस्थितियों में व्यापक छात्र–शिक्षक हित में तथा सत्र नियमित करने के माध्यमिक शिक्षा परिषद की कक्षा–१२ की बोर्ड परीक्षा निरस्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस निर्णय से २६१०३१६ छात्र/छात्राओं को लाभ मिलेगा॥। यूपी देश का पहला राज्य है‚ जिसने कोरोना महामारी के चलते अपने कोर्स को गत जुलाई में ही ३०‡ घटाया था। माध्यमिक शिक्षा विभाग की परीक्षा कराने की पूरी तैयारी थी‚ लेकिन छात्रों व शिक्षकों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी गयी॥। यूपी बोर्ड़ १२वीं कक्षा का रिजल्ट छात्र के कक्षा–१० के प्राप्तांकों एवं उनके कक्षा–११ के वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांकों के औसत के आधार को देखा जाएगा। इंटरमीडिएट के जिन संस्थागत एवं व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के उपर्युक्त प्राप्तांक उपलब्ध नहीं होंगे‚ उन्हें सामान्य रूप से प्रमोट कर दिया जाएगा तथा केवल कक्षोzाति का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इंटरमीडिएट की वर्ष २०२१ की परीक्षा के सभी रजिस्टर्ड परीक्षार्थियों को २०२२ की इण्टरमीडिएट परीक्षा में अपनी इच्छा के अनुसार एक विषय में अथवा अपने सभी विषयों की परीक्षा में सम्मिलित होकर अपने अंकों में सुधार करने का अवसर प्राप्त होगा तथा यह अंक वर्ष २०२१ की इंटरमीडिएट की परीक्षा के अंक ही माने जाएंगे। ॥ डा. शर्मा ने बताया कि इस महत्वपूर्ण निर्णय से हाईस्कूल के २९.९४ लाख तथा इंटरमीडिएट के २६.१० लाख परीक्षार्थी लाभान्वित होंगे। अब नव प्रोन्नत छात्र अपनी अगली कक्षा में पठन–पाठन कर सकेंगे और सत्र नियमितीकरण के अंतर्गत अगली कक्षा में ऑनलाइन कक्षाएं प्रारंभ की जा सकती हैं तथा कक्षा १२ के उत्तीर्ण छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने में सुलभता रहेगी॥। दूर दृष्टि से मिला लाभः कोरोना काल में प्रदेश के लाखों छात्रों को उप मुख्यमंत्री ड़ा. दिनेश शर्मा की दूर दृष्टि का लाभ मिला। ड़ा. शर्मा की दूर दृष्टि ही थी कि बोर्ड़ में अबकी प्री–बोर्ड़ परीक्षाएं हुइÈ। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड़ ने सत्र में आनलाइन टीचिंग भी करायी। पाठ्यक्रम में परिवर्तन होने के कारण छात्रों पर दबाव भी हावी नहीं हुआ। पुस्तकों के धंधे पर भी लगाम कसने में ड़ा.शर्मा काफी हद तक सफल रहे। आज छात्रों के अभिभावकों को बीस साल पुराने दाम पर किताबें मिली रहीं हैं। कुल मिलाकर भाजपा शासनकाल में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड़ की पहचान बदली है। नकल के लिए कभी बदनाम रहा यह बोर्ड़ अब देश के दूसरे बोर्ड़ों के मुकाबले कहीं भी कमतर नहीं है। परीक्षा न होने के बाद भी कहीं भी सत्र का नुकसान नहीं होगा। ॥ दप्रमोट करने का फार्मूला बाद मेंः दिनेश शर्मा॥ दहाईस्कूल के २९.९४ लाख तथा इंटरमीडिएट के २६.१० लाख परीक्षार्थी होंगे लाभान्वित॥ दउत्तीर्ण का फार्मूला तय करने को लेकर अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की अध्यक्षता में बनी कमेटी॥ दअंकों में सुधार का एक मौका २०२२ की परीक्षा में मिलेगा ॥
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